Dedicated to Top Entertainers of India तू सौदागर है!, जा देश के लिए खुशियाँ बटोर कर ला…तेरी मदहोशी, वतन की जिन्दादिली का सबूत बने !झुलसे
Month: March 2012
भर-भर के मदिरा मिले तुझको मैं एसा गीत लिखूंगा अब तुम भोग लगा न पाओगे पीने को मिलेगी गंगा जब !! * ये मदिरा अपनी