रोज नए बाबा उग आतेउनकी क्या स्टाइल हैसिंघासन पर बैठ गएलोगो कि लम्बी लाइन हैसारी जनता मुर्ख यहाँ परपैसे देकर टिकट कटाती…बाबा जी की तीन
Month: April 2012
सारी दुनिया का अजूबा ताज है मुश्किलों में हो वतन तो हिंद एक आवाज़ है दिल दुखे! गर्दन झुखे ! तो बस तुझी पे नाज
प्यार का एहसास सात्विक, सुन्दर और सबसे सुहाना है… दिल में चाहत-ए-जूनून और लबों पर मिलने का बहाना है | अंजाम है कमायत-ए-मौत और लड़ने
काव्य कला को पीने वालों कल्पित कल में जीने वालों सात रंगों में रंगी हुई अपनी लीला है.. हो जाते बदनाम, अगर सम मधुशाला है…
ऊपर होगा लाल केशरिया नीचे होगा हरीयर पीला बीच में उजियाली लहराए ताके बीच में चक्कर नीला… ऐसी होगी विजयी तिरंगा, ऐसी होगी निर्मल गंगा