बीबी क्यों न जाने क्यों अपने हाथ नहीं होती… फिल्म देखना हो वो घर में बनाती है… हम जो देखना चाहें। बड़ा चिढाती है… खूब बनाये बातें, और हमे सुनाती है… बीबी
Month: October 2012
अरविन्द भैया मान गए हम, “पावरफुल मिसाइल हैं!”,राजनीति में किट फतिंगे खुबे पनप भरमाईल हैं… उनके गर्मी दूर भगाए ऐसन इ फिनायल हैं, हर परदेश में इनके डंका,
गुब्बार बना रखा है, कोई घुमार बना रखा है… दो पल का मिलना और मिलके फिर बिछुड़ना, तेरी आशिकी ने मुझको लाचार बना रखा है
उसको भुलाने के लिए हमने जो किनारा माँगा, लोग समझते रहे हम अपने जाम मेँ डूबे हैं ! हमने तो चोरों को कल शाम दावत
दोस्तों!! मधुशाला की नवीनतम पंक्तिया आपके सामने पेश कर रहा हूँ….इन पंक्तियों से मैं मेरी मधुशाला का कवर पृष्ट के मूल की पुष्टि करने की