एक बार गाँव गया भूल जाइये जो भी बात थी !
बस याद कीजिये – एक tractor से मुलाकात थी !
tractor था आगे-आगे, मेरी bike थी पीछे-पीछे
और ये सिलसिला तक़रीबन आधे घंटे से चला आरहा था
साइड मिलती नहीं और धुल उड़ता जा रहा था।
मैंने सोचा थोडा टाइम पास कर लिया जाये
tractor के पीछे लिखी एक शायरी ही पढ़ लिया जाये।
धुल और धुएँ की कोहरे में आँख डगमगा गया !
आधे घंटे में एक भी शब्द स्पष्ट नहीं हो पाया !
और पंद्रह मिनट बाद जब ट्रेक्टर मेन लाइन पर आया!
overtake करने से पहले मैंने नजर गड़ाया
शायरी थी मस्त और चालक जबरदस्त !!
लिखा था – “दम है तो पास कर नहीं तो बर्दास्त कर!!”
— Author: Prabhat Kumar