ना जाने क्यु
कभी तुमको अपने पास,
तो कभी दूर पाता हूँ
तमाम दूरियो के बाद भी लौट आता हूँ.
ना जाने क्यु
सुनोगे मेरी बतो को,
फिर भी जिंदगी का संवाद चाहता हूँ
तुम रूठ जाओगी मेरी बतो से,
इस डर से निजाद चाहता हूँ.
ना जाने क्यू
तुम ना होगे जिंदगी मे
इसका ऐहसास है,
साथ है कुछ पलो का जो,
बहुत ख़ास है
ना जाने क्यू
चले जाओगे तुम तन्हा छोड़कर
रखना चाहता हूँ खुशियो को जोड़कर
ना जाने क्यू
जब जाना ही है तुमको छोड़कर,
राहे उलफत ने मिलाया क्यू इस मोड़ पर
ना जाने क्यू…..
सुनोगे मेरी बतो को,
फिर भी जिंदगी का संवाद चाहता हूँ
तुम रूठ जाओगी मेरी बतो से,
इस डर से निजाद चाहता हूँ.
ना जाने क्यू
तुम ना होगे जिंदगी मे
इसका ऐहसास है,
साथ है कुछ पलो का जो,
बहुत ख़ास है
ना जाने क्यू
चले जाओगे तुम तन्हा छोड़कर
रखना चाहता हूँ खुशियो को जोड़कर
ना जाने क्यू
जब जाना ही है तुमको छोड़कर,
राहे उलफत ने मिलाया क्यू इस मोड़ पर
ना जाने क्यू…..
Author: Om Narayan | Meri Madhushala