जल्दी कुछ भी नही होता, समंदर सम नहीं होता…
हाँ, होती है लहरों की मुकम्मल फ़ौज अंधियारे में,
जो किरणे मिल गई तो फिर कभी वो थम नहीं सकता !
वो ऐसी चंद किरणें आशा की मैं ले कर आया हूँ,
कोई जो छू गया दिल को तो खुशबू थम नहीं सकता !!
हाँ, होती है लहरों की मुकम्मल फ़ौज अंधियारे में,
जो किरणे मिल गई तो फिर कभी वो थम नहीं सकता !
वो ऐसी चंद किरणें आशा की मैं ले कर आया हूँ,
कोई जो छू गया दिल को तो खुशबू थम नहीं सकता !!
– Meri Madhushala