failure hope success thought war करे बहुत सत्संग May 7, 2016 Prabhat Kumar तीव्र हवा और भारी घटा मेरा अंतर्मन निर्गुण हुआ कोकिल को मैं देख रहा ध्वनि से चिंतन पूर्ण हुआ मत रो, मत व्याकुल हो चेतन ही Read More