प्यार की मंजिल

(१)
प्यार कि मंजिल बताओ
सूरतो में ढूंढते हो
मस्त मौला जिंदगी ये
मुफ्त में मिलती नहीं |
(२)
क्या बताऊँ, दिल लगाओ
इश्क मोहब्बत को जताओ
हकीकत में मिल के आ
ये ख्वाब में मिलती नहीं |
(३)
जिंदगी एक इम्तिहां हैं
है मुहब्बत जंग यारों
और उनसे हारने में
अब शर्म आती नहीं |
(४)
प्यार कि गहराइयाँ भी
जब जबां पर आरही हो
उनके नगमे याद करके
रात भी कटती नहीं |
(५)
ख्वाइशें हजार हैं पर
मंजिलों पर खार हैं
गीत पढने में बताऊँ
अब मजा आती नहीं |
(६)
जब झलक मिलती नहीं
और प्यास अपनी खास हो
उनकी यादें खिल रही है
पर सम्मा जलती नहीं |
(७)
मुहब्बत इक प्यास है
दूरी ही इसकी साँस है
और उनसे दूर रहके
शाम भी खिलती नहीं
(८)
पर नहीं अब दूरियां है
और मिलने चल पड़े
नजरों में हैं उनके नजारे
राह पर मिलती नहीं |
(९)
प्यार एक संसार है
है ये मेरा ख्वाबों-महल
उनकी मंजिल मेरी मंजिल
और वो मिलती नहीं ||

Author: Prabhat Kumar

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