अपना ऐसा अपना ऐसा पैमाना…




मैं कैश बनूँ तुम ऐश बनो, हो अपना ऐसा पैमाना
तुम मुझ पर इतना हस्ती हो, लगता हूँ मैं क्या पैजामा?
मैं बूट लिया तुम सुट लिए, बैलों को हमने लूट लिया…
दफ्तर से चूल्हा-चौकी तक,हमने भोजन में fruit लिया !
कारों को खूब घुमाया जब पेट्रोल में आग लगा करके
कोई नजर लगा ना पायेगा चलते हैं हम काजल करके !
हम चौके-छक्के वाले है तुम bear-whiskey वाली हो
अपने कबाब में नो हड्डी, पॉकेट में नोटों की गड्डी… !
तुम jeans pant में आती हो, मैं jacket में फूल लगता हूँ,
फिर सज धज कर सागर तट पर मैं गीत सुरीला गाता हूँ |
तुम white house की गरिमा हो, मैं संसद का सकुनी मामा,
तुम खाती हो pizza-burger, मैं कला धन का रखवाला !!
फिर हसीं-हसीं में शोक दशा में, चौपट हो गया लोक सभा में
भूले भटके थी लाचारी, अंधों ने भी आखें मारी…
खूब सिखाया अकड़म-बकड़म, गाय-बैल से करना तिकड़म
प्रिय तुझी से मिलना चाहा, मिला न मुझको कभी समर्थन..!!
नोटों की बारिस होती है, वोटों की साजिस होती है…
फटे बांसुरी बजा-बजा कर, जूतों की पोलिश होती है !
प्रिये! जवानी जर्जर होता, अरमानों का खंडहर होता
फिर से हमको जोड़ सके वो जंतर-मंतर-तंतर होता?
फिर मान लिया, सम्मान लिया
मन का दरवाजा तोड़ दिया 
संसद में जाना छोड़ दिया 
पंख लगाकर हम तुम दोनों, जन्नत की भी सैर करेंगे !!
प्रिये! तुम्हारी मीठी बोली ! कोयल की कूके लगती हैं…
आमों की मिसरी की गोली ! कंठों में अब लील रहे हैं.. !
फिर से कार उडाएँगे और पेट्रोल खूब जलाएंगे…
काले धन तो हम दफ्न कर चुके, सादे नोट कमाएंगे |
ऐसी होगी अपनी मस्ती, ऐसी होगी अपनी हाला,
मस्ती की फुलझरियां होंगी, नोट नहीं होगा पर काला !!

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