जीवन में आएगा प्रभात
वो कलिया वो तारे आएँगे
जिनकी है मुझको तब से याद
है मेरी यह परिकल्पना
है मेरा यह सुदृढ विश्वास
जीवन में आएगा प्रभात।
जीवन पथ का सारा प्रमाद
आँखों मे नज़र जब आएगा
कुछ करने की जो तमन्ना है
बादल बन हृदय में छाएगा।
बस इसका है अब मुझे इन्तज़ार
जीवन में आएगा प्रभात।
बस एक आस और एक किरण
सुदीप्त करो तन मन चेतन
मेरी यह मूर्क्षित काया कैसा जीवन
कर दे इसे नवीन वर दे नव-जीवन
कल्पित कल में करूणमयी तू कर बरसात
जीवन में आएगा प्रभात…
जीवन में आएगा प्रभात…
Author: Prabhat Kumar