एक भाग्य था एक सितारा पाटलिपुत्र में गुलशन प्याराकुल का प्रीतम एक धरोहर वह सुगम मनोहर प्रेरक ताराजो मंजिल से अनजान चला ले मन का
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कास मिला न होता तुमसे तुम सपनों में न आती… जगमग जगमग दुनिया थी जो तुम पायल न खनकाती। कास मिला न होता तुमसे तुम
गुनगुनाती थी पहर और सतह भी ठोस थी निहारती थी नजर, और पलक पर ओस थी कुछ वाद न विवाद था कैसा गजब संवाद था
This life is a mystery and full of rocks The innocent faces of pupil and flocks The mystery of science and the mystery of religions
दिल, दिल, दिल !!! जब से सुना है कि artificial heart transplantation के बाद भी मानव जीवित रह सकता है, यह भ्रम दूर हो गया
गुफ्त-गु हवाओं ने क्या खूब की हैबुनियाद उनकी हिलने लगी है।दो दिनों में बगावत तो होगीसांस भी अब सारी थमने लगी है।सागरों में लहरों ने
है मेरा एक सपना काश होता, छोटा-सा, घर मेरा अपना। होती घर में.. शांति ही शांति शोभा होती, होती उसमें कांति। हरदम उमंग होती इसमें
मो को कहां ढूंढे रे बन्दे, मैं तो तेरे पास में ना तीरथ में, ना मूरत में, ना एकान्त निवास में ना मन्दिर में ना
एक अध्ययन किया है विदेश में आकरक्या सुनियेगा जरा अपना सर झुकाकर ??? यूरोपे को कहूँ स्वर्ग का सफ़र और इंडिया?हा हा हा !! और