दिल की ख्वाइश दिल में है
नजरों से बयां कुछ और हुआ
तुम बात फते की करती हो
पर नजराना कुछ और हुआ !!
हम समझ रहे तुमको जैसा
तुम मधु प्याला की हाला हो
बस प्यार की भाषा में कच्ची
तुम भोली-भाली बाला हो !!
तेरे भोलेपन में खोया हूँ
मैं आजाद परिंदा इस पल
प्यार ने मुझको लूट लिया
होता यौवन में उथल-पथल…
अब सोच रहा इज़हार करूँ मैं…
प्यार की नौका पार करूँ मैं
फिर तेरे भोलेपन में डूबा हूँ
कैसे तुझ से प्यार करूं मैं… !!