माना शादी एक बंधन है
इसके अन्दर भी क्रंदन है |
कुछ खट्टी-मिट्ठी बातें है
बाकी पूरा मनोरंजन है…!
गर बीबी होती है हिटलर
तो मियां शिकारी होता है…
दोनों में हो जाती टक्कर
फिर दोनों साथ ही सोता है!
बातों-बातों में मायके की
कुछ गूंज सुनाई देती है…
सासु माँ की टेढ़ी बातें
वो दिल से लगायी होती है!
फिर भी होता है प्यार अलग
अरमानों के बौछार अलग
बच्चों की शिक्षा एक तरफ
होता अपना संसार अलग !
शौपिंग को लेकर खेल यहाँ
हाथों में चुम्बक रहता है
पैसों से दुनिया चलता है
उसका अपना संदूक अलग !
फिर उसका जाना दूर कभी
एक स्वप्न भयावह होता है…
जो होती थी खीचा-तानी
वो फ़ोन-कॉल पर होता है !
उसके आने से घर में फिर
खुशियाँ सारी आ जाती…
उसके अरमानों से जुड़कर
वो रीतियाँ सारी भा जाती !
माना शादी एक बंधन है…
इसको मेरा अभिनन्दन है!!
Author – Prabhat Kumar