गुफ्त-गु हवाओं ने क्या खूब की हैबुनियाद उनकी हिलने लगी है।दो दिनों में बगावत तो होगीसांस भी अब सारी थमने लगी है।सागरों में लहरों ने
गुफ्त-गु हवाओं ने क्या खूब की हैबुनियाद उनकी हिलने लगी है।दो दिनों में बगावत तो होगीसांस भी अब सारी थमने लगी है।सागरों में लहरों ने