गुफ्त-गु हवाओं ने क्या खूब की हैबुनियाद उनकी हिलने लगी है।दो दिनों में बगावत तो होगीसांस भी अब सारी थमने लगी है।सागरों में लहरों ने
Category: kranti
दामिनी देश की गरिमा है करोड़ों के मन का उबाल है पत्थर में दैविक उछाल है कानूनों पर घिसती तलवार है संवेदना का साक्षात्कार है युवाओं की ललकार है…दामिनी घायल
अरविन्द भैया मान गए हम, “पावरफुल मिसाइल हैं!”,राजनीति में किट फतिंगे खुबे पनप भरमाईल हैं… उनके गर्मी दूर भगाए ऐसन इ फिनायल हैं, हर परदेश में इनके डंका,
दो न्याय अगर तो आधा दो, पर उसमें भी यदि बाधा होतो दे दो केवल पाँच ग्राम रखो अपनी धरती तमाम।हम वही खुशी से खाएँगेपरिजन