(१)होली का मल्हार न गाऊंगाऊं स्वर में गानाआती देखूं भीड़ भयंकरहो जाऊं रवाना…भीगी दुनिया सारी हैमैं बन बैठूं दीवाना…हो बोलो – सा रा रा रा
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कुछ पल जिन्दगी केगम के बादल बन केखामोशियों की साजिसमें स्वयम् आज जलके। सबको रिझा रही हैरिश्तों में आज रम केये पल जिन्दगी केअबकी कहावत