गोला मोला टोला वाला सीधा साधा भोला भाला।
कहे बिहारी मदिरा वाला बमबम भोले मैं मतवाला।।
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रोके कोई मुझे तो मस्ती छोड़ न दे कोई ढिल्ला ढाला।
छोड़ दिया तो छुट जाएगा रोक दिया तो ताकत वाला।।
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अरे, खेल-खेल में रंगबाजों से पड़ गया मेरा पाला।
जिसने मुझपर पत्थर फेंका चल गया उसपर भाला।।
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अरे, तु तो है रे प्यासी बाला मैं हूं तुझको चाहने वाला।
भूले अभी अपनी मधुशाला पी ले मुझसे थोड़ी हाला।।
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ऐसी होगी अपनी मस्ती ऐसी होगी अपनी हाला।
स्वेत रंग मे घुला हुआ हो थोड़ा सा दिल मेरा काला।।
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रूप रंग की जटिल पहेली कई दीवाने हुए दीवाला।
भूल चुक से त्तीर चला तो जीतेगा पक्का दिलवाला।।
Author- Prabhat Kumar