मुझे न समझो एक अनाड़ी मैं मनमौजी काया हूँ। जो मुझको देखें एक आँख से अक्सर उनको भाया हूँ।गली-गली में चर्चा होतीमैं सदभाव सुनाता हूँ।ग़ालिब और बच्चन कीवंदन
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आजाद हूँ मैं, आबाद हूँ मैं तेरी नज़रों का पुख्ता ताज हूँ मैंआवाज़ हूँ मैं, अंदाज हूँ मैं काजल सा काला, कोई राज हूँ मैं…
मेरी मधुशाला*********मेरी मधुशाला, सोच की वह गहराइयाँ है जो जीवन के किसी भी मोड़ पर हमें प्रसन्न रहने के लिए प्रेरित करती हैं |फिर चाहे
अल्फ़ाज़ों मैं वो दम कहाँ जो बया करे शख़्सियत हमारी, रूबरू होना है तो आगोश मैं आना होगा , यूँ देखने भर से नशा नहीं
गोला मोला टोला वाला सीधा साधा भोला भाला। कहे बिहारी मदिरा वाला बमबम भोले मैं मतवाला।। *** रोके कोई मुझे तो मस्ती छोड़ न दे
मेरी मधुशाला(new) मेरे मार्ग पर विजय सरिखेआभूषण हो पुष्पक माला।मदिरा पर हों छंद मेरेछाए न दिल पर साकी बाला।। हुआ समर्पन मदिरालय मेंआज मेरा प्यारा
मेरी मधुशाला(old version)प्रियतम्!मैं आगे बढता हूं,मेरी लगाम् साक़ी बाला ।रंजित हूं मैं मदिरा पीकर,है जो कमान मेरी हाला ॥ जीने का अभिलाषी हूं मैं,मस्त मुहर्रम