शादी है जंजाल

शादी से पुर्व (Before Marriage)
मूर्क्षित मन में चिंगारी है
ममता है एक मायाजाल।
स्वर्गलोक में एक परी है
तुम्हें करेगी वही निहाल।
*
शादी के समय (During Marriage)
आजा जितनी जल्दी आजा
खुला हुआ मेरा दरवाजा…
तेरी फोटो देख-देख कर
करता हूं मैं मन को ताजा।
*
शादी के बाद (After Marriage)
शुरू-शुरू में शर्माती वो
फिर इठलाना उसका चाल।
दो वर्शों में लूट लिया और
बना दिया मुझको कंगाल।
*
अंतत: (End Result)
खुद को बैठा कोस रहा मैं
कहता शादी है जंजाल…
स्वर्गलोक की परी भले वह
नहीं चूमना उनका गाल।

Author- Prabhat Kumar

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