पत्थर रोड पर हो या हो कोई कबाड़ में…
या कोई कोने में पड़ी हो अपने तिहाड़ में…
इज्जत करो इसकी जो कई शौख हैं तेरे,
मामुल नहीं वो पल जो अभी इंतजार में!!
वो प्यार है हमारा, हम जिसका न करें जिक्र
वो अरमान है हमारा जिसकी न उनको फ़िक्र
बनाया आशियाना प्यार का एक इंतजार में
एक गूंज है महफ़िल में जो तड़पा रही है अब !!
जिंदगी थम जाए जब एक पत्थर कि तरह..
हो नहीं हलचल कही और न दिखे कोई सहर
इंतजार करना है सही पर नहीं, जिन्दगी भर
प्यार को फिर से तराशो, पत्थरों को घिस कर !!
पत्थर को तराशो तो उसकी किस्मत बन जाती है |
उसे जो दिलसे पूजो तो आसमा भी पिघल जाती है ||