देश के हर एक बन्दे को अब डॉलर का बुखार है..
Onsite के चक्कर में पुरा office बीमार है..!
Export और import से चलता सारा व्यापार है,
डॉलर में invest करें वो जिनको डॉलर से प्यार है!!
रूपया अब तो सुस्त हुआ, डॉलर के सिक्के बोल रहे…
अपने visa की भी कश्ती, pendulam से डोल रहे |
डॉलर की भूख नहीं उनको जो सादा जल ही पीते हैं..
फिर ऊँची शिक्षा के खातिर, कितने परदेश में जीते हैं!!
डॉलर से दुनिया चलती है और रुपया से यह देश है..
हम डॉलर लाते देश में.., होता अपना उद्देश्य ये…
डॉलर की भाव चढ़े मौला और रुपया गिरता वेग से..
कितनो की जेब भरे मौला और मातम अपने देश में!!
देश के बाहर शिक्षा लेकर कितने डॉलर लुप्त हुए,
देश के बाहर job किये तो डॉलर से संदूक भरे…
मिली जुली जैसी हो गणना,डॉलर हमको भाते हैं..
रुपयों से हम चाय पियें पर डॉलर के गुण गाते हैं!!
Author: Prabhat Kumar