धरती पर जो स्वर्ग सुनहरा वो घाटी मुरझाई है। दशकों से जो खून की होली खेल-खेल थर्राई है। उस घाटी का वर्णन कैसे करता पी
Category: india
दिल्ली देश की मर्यादा है, धड़कन है, आजादी का खुशबू भरा समर्पण है।। आदि काल से अबतक इसका कोई जोड़ नहीं, शाशन और प्रशाशन सबका,
अरविन्द भैया मान गए हम, “पावरफुल मिसाइल हैं!”,राजनीति में किट फतिंगे खुबे पनप भरमाईल हैं… उनके गर्मी दूर भगाए ऐसन इ फिनायल हैं, हर परदेश में इनके डंका,
उसको भुलाने के लिए हमने जो किनारा माँगा, लोग समझते रहे हम अपने जाम मेँ डूबे हैं ! हमने तो चोरों को कल शाम दावत
ऊपर होगा लाल केशरिया नीचे होगा हरीयर पीला बीच में उजियाली लहराए ताके बीच में चक्कर नीला… ऐसी होगी विजयी तिरंगा, ऐसी होगी निर्मल गंगा