मुझे न समझो एक अनाड़ी मैं मनमौजी काया हूँ। जो मुझको देखें एक आँख से अक्सर उनको भाया हूँ।गली-गली में चर्चा होतीमैं सदभाव सुनाता हूँ।ग़ालिब और बच्चन कीवंदन
Category: modern
दामिनी देश की गरिमा है करोड़ों के मन का उबाल है पत्थर में दैविक उछाल है कानूनों पर घिसती तलवार है संवेदना का साक्षात्कार है युवाओं की ललकार है…दामिनी घायल
मेरी मधुशाला*********मेरी मधुशाला, सोच की वह गहराइयाँ है जो जीवन के किसी भी मोड़ पर हमें प्रसन्न रहने के लिए प्रेरित करती हैं |फिर चाहे
(1) Engineers की है फौज भरीManagers सब पीनेवालाworkers सारे रूठ गएवेतन वितरण में घोटाला*मैं कैसे computer से रुठुंEmail से है inbox भराकल रात न office