अन्ना हजारे जी और सर केजरीवाल

अन्ना हजारे जी और सर केजरीवाल दोनों एक ही सिक्के के दो पहलु हैं|
हमे दोनों को ही भरपूर समर्थन करना चहिये !

अगर परीक्षा होती है और प्रश्नों का उत्तर हमारे अन्ना जी को नहीं आता है तो वे परीक्षा का त्याग कर देंगे… चाहे यह घोषणा कर दी गई हो कि चुकि प्रश्न बहुत कठीन है, आप किताबों और अपने मित्रों का सहयोग ले सकते है ! उसी परीक्षा को अरविन्द भैया जैसे तैसे अपने दिमाग के बलबूते पर निकाल लेंगे… लेकीन

 जब अगली कक्षा में उन्नति मिलेगी तो वो भी त्याग कर देंगे… यह कह कर कि मेरे साथ इतने लोग तो बैमानी से पास कर के आये हैं….!

आप क्या कहते हैं? कौन सही है?

अन्ना जी:
ये भक्ति अंजुमन की साँझ का उपवन नहीं होता
समन्दर सुख जाता है, हमें पर गम नहीं होता !
ये भक्ति आश है, विश्वाश है, है यही अपना मनन,
ये आरजू की जंग में, विरक्ति-अग्नि का प्रयाग है !

सर अरविन्द कजरिवाल:
चाहता तो जंग गांधीवाद से ही कायम किये रखता
मगर मेरे कौशल की चमकदार तलवार रो रही थी…
ए वतन! डूबना ही है तो जा मंझधार में डूबते हैं..,
निकले जो कहीं तो संग वतन का कमान तो होगा?

Author: Prabhat Kumar

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Social media & sharing icons powered by UltimatelySocial
YouTube
YouTube
LinkedIn
Share
Instagram