ए यार ! ये जलवा सूरत का
मेरे दिल को छलता रहता है,
जो तुझ से फिर भी डरता है,
पर प्यार तुझी से करता है !!
प्यार किया तो डरना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या,
प्यार किया, डकैती नहीं की
फिर मिलने से डरना क्या…
प्यार किया तो डरना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या
आज कहेंगे दिल का फ़साना
जान भी ले ले जालिम जमाना…
लताड़ वही जो मोहल्ला देखे
फिर तेरे डैड से लड़ना क्या…?
प्यार किया तो डरना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या
उनकी रईशी बदन पे रहेगी,
गालियाँ सारी लब पे रहेंगी…
उनके गिले को दिल से लगाये
और भला अब करना क्या
प्यार किया तो डरना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या
छुप ना सकेगा इश्क हमारा
SP DSP तक होगा इशारा…
पर्दा नहीं जब कोई खुदा से,
प्रशाशन से पर्दा करना क्या…
प्यार किया तो डरना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या
Author: Prabhat Kumar