पहली मुलाकात की बस बात ही तो थी.…हमने पी ली जो ख़ुशी में वो शराब ही तो थीकुछ उनका नशा था, कुछ था शराब का.…कुछ
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(1)मुमकिन है अपना मेल प्रिये ये प्यार दिलों का खेल प्रिये ! तुम एक विधायक की बेटी मैं भारत माँ का बेटा हूँ। तुम चंचल,चतुर,चकोर
वो जो रूठे हमे बताकर तो मजा आ जाता…वो कोई शर्त जो रखते तो मजा आ जाता…उनकी सूरत में मजा है जो उनकी सीरत में,वो
दोस्तों!! मधुशाला की नवीनतम पंक्तिया आपके सामने पेश कर रहा हूँ….इन पंक्तियों से मैं मेरी मधुशाला का कवर पृष्ट के मूल की पुष्टि करने की
यत्र नार्यस्तु पूज्यते रमन्ते तत्र देवता ! ********************************** नर-नारी का विषम पात्र है मन में, एक कलश पर अलग है प्याला… अबला नारी दीन-हीन कृपा-विहीन,