क्या बताऊँ यार मित्रों और संतोंआज बिगड़ा यार जो प्यारा बसंत क्या बताऊं आज उसकी एक अदा ने मार डालीदिन भर आगे पीछे करता मेरे
Category: imagination
कैसे कहूं कि तेरे याद में,रातें गुनगुना कर गुज़ार लेता हूं।मन में होती है हलचल हर पलतुझको नज़रों में जो उतार लेता हूं। तुझ से
विस्तार हुआ, अवतार हुआतब कलियुग में,स्वपनों का त्योहार हुआ। कुछ हठकलियां, चंचल कलियांप्रीत जगी जब-जब इनमेंमुझको इन सब से प्यार हुआ तब प्यार हुआ॥ ~*~
मैने खोया एक खुशी एक नाज़ एक अंदाज खोयाखो चुका मैं ताज उसका, जिन्दगी का राज़ खोयाउसने क्या खोया?उसने खोया प्यार मेरा और एक संसार
शादी से पुर्व (Before Marriage) मूर्क्षित मन में चिंगारी है ममता है एक मायाजाल। स्वर्गलोक में एक परी है तुम्हें करेगी वही निहाल। * शादी