मेरी पहली लघु कथा !!! एक फौजी कारगिल युद्ध में शहीद अपने दोस्त की फोटो फेसबुक पर शेयर करता है और तमाम लोग उस पर
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(1)मुमकिन है अपना मेल प्रिये ये प्यार दिलों का खेल प्रिये ! तुम एक विधायक की बेटी मैं भारत माँ का बेटा हूँ। तुम चंचल,चतुर,चकोर
है मेरा एक सपना काश होता, छोटा-सा, घर मेरा अपना। होती घर में.. शांति ही शांति शोभा होती, होती उसमें कांति। हरदम उमंग होती इसमें
मुहब्बत में आशिक का जी आजमाना गुजारिश है उनसे अजीज आजमाना जमाना है कातिल तमीज आजमाना चलो भुल जाते, तुम्ही आजमाना !!मुहब्बत है जरिया या शोक दरिया कोई आजमाइश
मैं मानता हूँ दोस्ती जीने का दूजा नाम है औरदुश्मनी भी दोस्ती का एक सुलगता नाम है… दोस्ती में दोस्तों को याद करना, भूल जाना…गम
कल रात मैने देखा एक स्वप्न प्यारामुझ से मिलने आया एक नन्हा सितारा धरती चमक उठी तेज उसका देखकरवायु बहक गई वेग उसका देखकर अग्नि
बदला नहीं जमीं है न बदला है समन्दरकलियां खिलेंगी अब भी कुछ खास है ये मंजर बादल की गुफ़्त गु में गर बदली है हवाएंतो
कोमल किरण सीजिन्दगी मेंवो मेरी आई। एक आरजुविश्वास बनवो दिल में मेरी छाई। प्यासा रहामैं जब कभीहर जाम वो पिलाई। करता उसेजब याद मैंनज़रों में
कुछ तो कहो कहते रहोकरते रहो आवाज तुमहम से मिलो सबसे मिलोकिंचित न हो उदास तुम कहना ही तेरा काव्य हैइस काव्य का ही भाव
कुछ पल जिन्दगी केगम के बादल बन केखामोशियों की साजिसमें स्वयम् आज जलके। सबको रिझा रही हैरिश्तों में आज रम केये पल जिन्दगी केअबकी कहावत