Inspired by Dr. Harivansh Roy Bachchan’s creation ‘Madhushala’ and deemed to rule the heart of millions on this earth, ‘Meri Madhushala’ is all about my
Category: happiness
एक लव्ज बनो तुम इस पल, ये पल गमगीन है जीवन का तुम एक पहेली बनकर के, ‘गम’, मीत! मिटादो जीवन का !! तुम अक्षर में, तुम
मिलती हो उम्मीद जहाँ वो एक नजर की आँधी है। उम्मीदों की रौनक में कोई कान्हा है कोई गांधी है। कोई नहीं है इतिहासों सम आज यहाँ लड़ने
है मेरा एक सपना काश होता, छोटा-सा, घर मेरा अपना। होती घर में.. शांति ही शांति शोभा होती, होती उसमें कांति। हरदम उमंग होती इसमें
आजाद हूँ मैं, आबाद हूँ मैं तेरी नज़रों का पुख्ता ताज हूँ मैंआवाज़ हूँ मैं, अंदाज हूँ मैं काजल सा काला, कोई राज हूँ मैं…
जीवन में निराशा आती हैजब बीते पल इठलाते हैं…अतीत के पन्नों को उधेड़जब दिल में दर्द जगाते हैं।* मेरी अभिलाशा कैसी होगीयह प्रश्न ही था