I am a very simple person with simple lifestyle. The only ugly thing about me is that I like too many things and one among
Category: madhushala
जाने अनजाने में मैं – क्यों भूल जाता हूँ। मेरी प्रियतम मधुशाला !! क्यों मैं डूब जाता हूँ ! प्यार के रंग अनेको हैं और
You call me drunk,A lovely soulOr call me junkAn ugly soulI’ll drink in neighbour’s yard You blame me now Or blame me then I’ll fetch
(1) फोकट का फाटक खुलवाविस्तार करूं मैं बेतालासाकी से शुरूआत करूं मैंदे संतों को मय-प्याला,*ऐसा स्वांग रचूं मैं पी केअपने इस मदिरालय मेंझुम-झुम सब नाचें
After I got inspired from this story….. मस्जिद ने मुझको दुत्कारा, मंदिर ने रंग दिया काला….गिरजा और गुरूद्वारे पर…, ठोकर तक खाया है प्याला,एक भिक्षुक
ऐ देश! तेरा रंग बदरंग हुआ जाता है…. कोई जाति का दाता, कोई धर्म विधाता है। फिर मयखाने तक मैं जाता हूँ, कुछ टटोलते हुए, सब
दामिनी देश की गरिमा है करोड़ों के मन का उबाल है पत्थर में दैविक उछाल है कानूनों पर घिसती तलवार है संवेदना का साक्षात्कार है युवाओं की ललकार है…दामिनी घायल
दोस्तों!! मधुशाला की नवीनतम पंक्तिया आपके सामने पेश कर रहा हूँ….इन पंक्तियों से मैं मेरी मधुशाला का कवर पृष्ट के मूल की पुष्टि करने की
यत्र नार्यस्तु पूज्यते रमन्ते तत्र देवता ! ********************************** नर-नारी का विषम पात्र है मन में, एक कलश पर अलग है प्याला… अबला नारी दीन-हीन कृपा-विहीन,
मेरी मधुशाला*********मेरी मधुशाला, सोच की वह गहराइयाँ है जो जीवन के किसी भी मोड़ पर हमें प्रसन्न रहने के लिए प्रेरित करती हैं |फिर चाहे