लिखता हूँ मैं कुछ ऐसा नगमा ही लिखता हूँकि हर पीनेवाले को मैं मधुशाला ही दीखता हूँ…!!मेरी आवारगी की तह में जाकर देख लो तुम
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माना शादी एक बंधन हैइसके अन्दर भी क्रंदन है |कुछ खट्टी-मिट्ठी बातें हैबाकी पूरा मनोरंजन है…! गर बीबी होती है हिटलर तो मियां शिकारी होता
प्यार का एहसास सात्विक, सुन्दर और सबसे सुहाना है… दिल में चाहत-ए-जूनून और लबों पर मिलने का बहाना है | अंजाम है कमायत-ए-मौत और लड़ने
(१) प्यार कि मंजिल बताओ सूरतो में ढूंढते हो मस्त मौला जिंदगी ये मुफ्त में मिलती नहीं | (२) क्या बताऊँ, दिल लगाओ इश्क मोहब्बत