काली जुल्फें खिला बदन मीठी बातें नीला नयन !! बस दर्शन तेरे अमोल हैं, तुम भेष बदल के भी आया करो…. तुम एक सपेरे की नागिन कभी
Year: 2013
एक चंचल चतुर चकोर नार जब दे गई अक्ष पर जोर वार, अब मन मस्तक सब घुम-घुम सपनो में रहे उसे ढूंढ़-ढूंढ़ नज़रों की नजाकत किसके लिए लो उन
है मेरा एक सपना काश होता, छोटा-सा, घर मेरा अपना। होती घर में.. शांति ही शांति शोभा होती, होती उसमें कांति। हरदम उमंग होती इसमें
मो को कहां ढूंढे रे बन्दे, मैं तो तेरे पास में ना तीरथ में, ना मूरत में, ना एकान्त निवास में ना मन्दिर में ना
वो जो रूठे हमे बताकर तो मजा आ जाता…वो कोई शर्त जो रखते तो मजा आ जाता…उनकी सूरत में मजा है जो उनकी सीरत में,वो
ऐ देश! तेरा रंग बदरंग हुआ जाता है…. कोई जाति का दाता, कोई धर्म विधाता है। फिर मयखाने तक मैं जाता हूँ, कुछ टटोलते हुए, सब
मुहब्बत में आशिक का जी आजमाना गुजारिश है उनसे अजीज आजमाना जमाना है कातिल तमीज आजमाना चलो भुल जाते, तुम्ही आजमाना !!मुहब्बत है जरिया या शोक दरिया कोई आजमाइश