मेरी मधुशाला*********मेरी मधुशाला, सोच की वह गहराइयाँ है जो जीवन के किसी भी मोड़ पर हमें प्रसन्न रहने के लिए प्रेरित करती हैं |फिर चाहे
Year: 2012
मैं मानता हूँ दोस्ती जीने का दूजा नाम है औरदुश्मनी भी दोस्ती का एक सुलगता नाम है… दोस्ती में दोस्तों को याद करना, भूल जाना…गम
लिखता हूँ मैं कुछ ऐसा नगमा ही लिखता हूँकि हर पीनेवाले को मैं मधुशाला ही दीखता हूँ…!!मेरी आवारगी की तह में जाकर देख लो तुम
माना शादी एक बंधन हैइसके अन्दर भी क्रंदन है |कुछ खट्टी-मिट्ठी बातें हैबाकी पूरा मनोरंजन है…! गर बीबी होती है हिटलर तो मियां शिकारी होता
रोज नए बाबा उग आतेउनकी क्या स्टाइल हैसिंघासन पर बैठ गएलोगो कि लम्बी लाइन हैसारी जनता मुर्ख यहाँ परपैसे देकर टिकट कटाती…बाबा जी की तीन
सारी दुनिया का अजूबा ताज है मुश्किलों में हो वतन तो हिंद एक आवाज़ है दिल दुखे! गर्दन झुखे ! तो बस तुझी पे नाज
प्यार का एहसास सात्विक, सुन्दर और सबसे सुहाना है… दिल में चाहत-ए-जूनून और लबों पर मिलने का बहाना है | अंजाम है कमायत-ए-मौत और लड़ने
काव्य कला को पीने वालों कल्पित कल में जीने वालों सात रंगों में रंगी हुई अपनी लीला है.. हो जाते बदनाम, अगर सम मधुशाला है…